कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी मनाई जाती है गायों को हिंदू धर्म और संस्कृति की आत्मा माना जाता है हिंदू संस्कृति में गायों को गौ माता कहते हैं और उनकी पूजा की जाती है। गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों का स्वामी माना जाता है गोपाष्टमी के अवसर पर गाय की पूजा करने से व्यक्ति को खुशहाल जीवन और अच्छे भाग्य का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा उल्लेख मिलता है कि गोपाष्टमी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने गोचरण लीला की थी गोचरण लीला का अर्थ हुआ आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण सर्वप्रथम गायों को वन में चराने के लिए गए थे भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गौ माता की सेवा करते हुए गाय के महत्व को समाज के सामने रखा।
देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है। गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं। जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है।
यदि आप गाय के 10 ग्राम घी से हवन अनुष्ठान (यज्ञ,) करते हैं तो इसके परिणाम स्वरूप वातावरण में ताजा ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। यही कारण है कि मंदिरों में गाय के घी का दीपक जलाने कि तथा , धार्मिक समारोह में यज्ञ करने कि प्रथा प्रचलित है। इससे वातावरण में फैले परमाणु विकिरणों को हटाने की अदभुत क्षमता होती है।