Free shipping on order above Rs. 499 on prepaid payment

गुरु पूर्णिमा का महत्त्व क्यों है यह दिन विशेष?

गुरु पूर्णिमा हिन्दुओं , बोद्धो और जैनियों द्वारा अपने आध्यत्मिक और शैक्षणिक गुरुओं का सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने के लिय मनाया जाने वाला पवित्र त्योंहार है | इस दिन भक्त अपने गुरुओ के प्रति अपना आभार एवं स्नेह प्रकट करतें है , जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने के लिय ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान किया है |

गुरु पूर्णिमा क्या है ?

गुरु पूर्णिमा क्या है यह सभी को समझना चाहिए , गुरु पूर्णिमा दिवस अपने शिक्षक और गुरुजनो के प्रति आदर और सम्मान को दिखाते हुए उन्हें समर्पित है | गुरु शब्द दो शब्दों से लिया गया है , “गु ” का अर्थ है ” अंधकार ” और ” रु ” का अर्थ है ” प्रकाश ” | संस्कृत में गुरु शब्द का अर्थ है अंधकार से प्रकाश की और ले जाने वाला गुरु कहलाता है जो हमें अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की और ले जाता है | गुरु पूर्णिमा पर सभी शिष्य अनुष्ठानो , प्रसाद , प्रार्थना , और विचारो से अपने गुरुजनो का आभार व्यक्त करते है |

गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है ?

गुरु पूर्णिमा का उत्सव प्राचीन भारतीय परम्परा से चला आ रहा है | इस दिन महाकाव्य महाभारत और वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुवा था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहतें है | इस दिन भगवान बुद्ध ने आज के दिन ही सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था | कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार , इस दिन भगवान शिव , पहले गुरु या आदि गुरु ने सात ऋषियों को शिक्षा दी थी | और इस प्रकार यह दिन गुरुओ और शिक्षकों के प्रति सम्मान के प्रतिक के रूप में मनाया जाता है |
इसी कारण इन घटनाओ का अनुसरण करते हुवे गुरु पूर्णिमा मानते है

गुरु पूर्णिमा का महत्व :-

गुरु पूर्णिमा का उत्सव आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को उत्साह के साथ मनाया जाता है | यह दिन गुरु की महत्वता को समर्पित है | इस पर्व को हिन्दू , सिख , जैन , बौद्ध सभी हर्ष उल्लास के साथ मानते है |
– गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था |
-सिख धर्म में भी गुरु की वाणी को ही जीवन का वास्तविक सत्य माना है | सिख धर्म में एक प्रचलित कहावत है ” गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागु पांय , बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताए ”
-जैन धर्म में इस दिन को धूम धाम से मनाया जाता है क्यों की इस दिन भगवान महावीर ने गांधार राज्य के गौतम स्वामी को अपना प्रथम शिष्य बनाया था
-इस दिन महाभारत रचियता वेद व्यास जी का जन्म दिन भी है जिन्हे आदि गुरु भी कहा जाता है इन सभी परम्पराओ के आधार पर गुरु पूर्णिमा को हर्ष उल्लास से मानाने का महत्व है

गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है ?

गुरु पूर्णिमा पर्व को कई पारम्परिक तरीको से मनाया जाता है जैंसे सुबह जल्दी उठकर स्नान करते है और फिर नये कपडे पहनते है | फिर अपने गुरुजनो की प्रार्थना और आभार व्यक्त करते है और उपहार (दक्षिणा )आदि देकर आशीर्वाद लेते है| मंदिरो में अनुष्ठान करना ,गुरु का ध्यान करना , शास्त्रों का अध्ययन करना आदि प्रकार से गुरु पूर्णिमा उत्सव को मनाया जाता है |

Leave a comment

Shopping cart0
There are no products in the cart!
Continue shopping
0
Open chat
Hello 👋
Can we help you?
Account
Wish list